71+ छोड़कर जाने वाली दर्द भरी शायरी | Chodakar Jane Wali Dard Bhari Shayari

71+ छोड़कर जाने वाली दर्द भरी शायरी | Chodakar Jane Wali Dard Bhari Shayari
71+ छोड़कर जाने वाली दर्द भरी शायरी | Chodakar Jane Wali Dard Bhari Shayari

दोस्तों आपके लिए हम ला रहे हैं छोड़कर जाने वाली दर्द भरी शायरी । हमें करते उम्मीद है कि आपको यह दर्द भरी शायरी, किसी की याद में दर्द भरी शायरी 2 लाइन और दर्द भरी शायरी फोटो पसंद आएगी। यहां लिखी गई सभी शायरियां सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म से ली गई हैं।

अगर आपको यह शायरी पसंद है तो आप इस शायरी को अपने दोस्तों, बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड के साथ जरूर शेयर करें।

एक दिन हम भी कफन ओढ़ जायेंगे,
सब रिश्ते इस जमीन के तोड़ जायेंगे,
जितना जी चाहे सता लो मुझको,
एक दिन रोता हुआ सबको छोड़ जायेंगे।

ज़रा सी ज़िंदगी है, अरमान बहुत हैं,
हमदर्द नहीं कोई, इंसान बहुत हैं,
दिल के दर्द सुनाएं तो किसको,
जो दिल के करीब है, वो अनजान बहुत है.

रोने की सजा न रुलाने की सजा है,
ये दर्द मोहब्बत को निभाने की सज़ा है,
हँसते हैं तो आँखों से निकल आते हैं आँसू !
ये उस शख्स से दिल लगाने की सज़ा है !

दर्दे दिल की आह तुम ना समझोगे कभी,
हर दर्द का मातम सरेआम नहीं होता !

71+ गर्म कर देने वाली शायरी New Hot Shayari

साथ मांगा मिला नही,
खुशी मांगी मिली नही,
प्यार मांगा किस्मत में था नही,
और दर्द बिन मांगे ही मिल गया।

पेड़ के काटने वालों को ये मालूम तो था
जिस्म जल जाएँगे जब सर पे न साया होगा

छोड़कर जाने वाली दर्द भरी शायरी 2024

ज़ख्म तो आज भी ताज़ा है,
बस वो निशान चला गया
इश्क तो आज भी बेपनाह है,
बस वो इंसान चला गया।

सौ दर्द छिपे हैं सीने में,
मगर अलग ही मजा है हँस के जीने में..!!

इतना रोया मेरी मौत पर मुझे जगाने के लिए मैं
मरता ही क्यों अगर वह रो देता मुझे पाने के लिए।

जिस दिल पे चोट न आई कभी,
वो दर्द किसी का क्या जाने,
खुद शम्मा को मालूम नहीं,
क्यूँ जल जाते हैं परवाने.

बहुत अजीब हैं ये बंदिशें मोहब्बत की,
कोई किसी को टूट कर चाहता है,
और कोई किसी को चाह कर टूट जाता है।

71+ खूबसूरत जिस्म शायरी | Love जिस्म शायरी

ना शौक दीदार का
ना फ़िक्र जुदाई की
बड़े खुश नसीब हैं वो लोग
जो महोबत नहीं करते।

महज़ बस पैरहन है रूह का जिसे हम जिस्म कहते हैं
फकत इस पैरहन की खातिर हम क्या -क्या सहते हैं!!!

जरा सी गलतफहमी पर
न छोड़ो किसी अपने का दामन
क्योंकि जिंदगी बीत जाती है
किसी को अपना बनाने में

जिन्दा जिस्म की कोई अहमियत नहीं…
मजार बन जाने दो,मेले लगा करेंगे…!!

खुद ही रोए और खुद ही चुप हो गए,
ये सोचकर की कोई अपना होता तो रोने ना देता!!

मेरे मौला, मेरे मालिक मुक़द्दर एक नया लिख दे,
कि मेरे जिस्म और रूह में पुराना कुछ वहाँ ना हो..

भरोसे के एहसास पर जिंदा रहती है मोहब्बत,
सांसो से तो सिर्फ़ जिस्म चला करते हैं…!!!

बहुत जुदा है औरों से मेरे दर्द की कहानी,
ज़ख्म का कोई निशान नहीं और दर्द की कोई इंतहा नही।

भले ही तेरे जिस्म को ना छुआ हो कभी,
पर तेरी रूह को जरूर छू गए होंगे हम !!

कैसे मानूं उसे इश्क़ है मुझसे
खुश देखा है मैंने उसे मुझसे जुदा होकर
बहुत मुश्किल होता है खुदको समेटना
देखना तुम भी कभी खुद में तबाह होकर।

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